पूजा में आरती करने की सही विधि, Aarti Kaise Kare
Aarti Kaise Kare : दोस्तों भगवान की पूजा करते समय आरती का विशेष महत्त्व होता है। पूजा की समाप्ति पर आरती से पूजा में अज्ञानवश या असावधानी से यदि कोई भी गलती हो जाती है तो उसकी पूर्ति हो जाती है। शास्त्रों में कहा गया है कि जो व्यक्ति आरती दोनों हाथों से श्रद्धा पूर्वक लेता है वह अपनी करोड़ो पीढ़ियों का उद्धार कर लेता है और विष्णु लोक में परम पद को प्राप्त होता है।
इसके अलावा आरती के लिए जलाये जाने वाले घी, कपूर आदि से वातावरण शुद्ध होता है। कई प्रकार के नुकसान देह कीटाणु आदि इससे नष्ट होते है। वातावरण में एक पॉज़िटिव एनर्जी का संचार होता है। आरती करने और गाने से मन प्रसन्न होता है।
आरती करने की सही विधि – Arti karne Ki Vidhi
आरती अपने इष्ट देव की प्रतिमा के चारों ओर घी का दीपक, कपूर, धूप, अगरबत्ती आदि को जलाकर उसे घूमाते हुए की जाती है। घर में एक बत्ती के दीपक से आरती की जाती है। अपनी श्रद्धा के अनुसार आरती करने के लिए दीपक, कपूर या अगरबत्ती आदि ले सकते हैं।
आरती के लिए दीपक में बत्ती कितनी लें – Arti ki batti Kitni Honi Chahiye
मंदिरों में पांच बत्ती, सात बत्ती या ग्यारह बत्ती वाला दीपक जलाकर आरती की जाती है। घर पर एक बत्ती वाले दीपक से आरती की जाती है। यदि आप एक से अधिक बत्ती वाले दीपक से आरती करना चाहते है तो विषम संख्या में बत्ती होनी चाहिए , उनमें भी तीन , नौ व तेरह बत्ती नहीं होने चाहिए। पांच, सात, ग्यारह, इक्कीस संख्या शुभ होती है।
आरती करते समय दीपक कैसे घुमायें – Arti Ka Deepak
पहले दीपक को चार बार इष्ट देव के चरणों की तरफ घुमाएँ|
फिर दीपक को दो बार इष्ट देव की नाभि की ओर करके घुमाएँ|
इसके बाद एक बार इष्ट देव के मुख मंडल की ओर करके घुमाएँ|
फिर एक बार इष्ट देव के चारों ओर घुमाएं।
इस तरह सात बार दीपक को घूमाना चाहिए ।
आरती पूरी श्रद्धा व निष्ठां के साथ करनी चाहिए।
ताली, घंटी, मंजीरे आदि बजाने से इष्ट देव में ध्यान अच्छे से लगता है और आरती का आनंद मिलता है।
पूजा की घंटी कैसी होनी चाहिए – Puja Ki Ghanti Kaisi Honi Chahiye
घंटी अपनी श्रद्धा के अनुसार सोने, चाँदी की या पीतल की ले सकते है । घंटी से मधुर ध्वनी निकालनी चाहिए। घंटी सदैव दाहिने हाथ में रखनी चाहिए|
भक्तिभाव से आरती गायें और आनंद लें। आरती में परिवार केसभी सदस्यों को शामिल होना चाहिए। इससे परिवार में प्रेम बढ़ता है और ईश्वर की कृपा पूरे परिवार पर बनी रहती है।
आरती कैसे लेते हैं – Arti Lene Ke Niyam
आरती पूरी होने के बाद दो तीन बार इष्ट देव का जयकारा करना चाहिए। इसके बाद सभी को दीपक की लौ के ऊपर दोनों हाथ श्रद्धा पूर्वक फेरकर अपने सिर, आँख और मुँह पर फेरना चाहिए। इससे सारे शरीर की शुद्धि हो जाती है।
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