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1 Gupt Navratri 2019 : माघ गुप्त नवरात्रि कब है 2019
- 1.1 गुप्त नवरात्री का महत्व (Importance of Gupt Navratri)
- 1.2 गुप्त नवरात्र क्यों कहते है ?
- 1.3 10 महाविद्याओं की होती है पूजा
- 1.4 माघ गुप्त नवरात्रि कब है 2019 (Magh Gupt Navratri Kab Hai 2019)
- 1.5 गुप्त नवरात्र कैसे मनाये (How To Celebrate Gupt Navratri)
- 1.6 गुप्त नवरात्रि पूजन सामग्री
- 1.7 गुप्त नवरात्रि पूजा विधि (Gupt Navratri Puja Vidhi)
Gupt Navratri 2019 : हिन्दू धर्म में नवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व है| पुरे साल में चार नवरात्रि मनाये जाते है| अधिकांश लोग साल के दो नवरात्रियों के बारे में जानते है यह नवरात्रि चैत्र और शारदीय नवरात्रि कहलाते है लेकिन इन दो नवरात्रों के आलावा भी दो नवरात्रि होते है जिन्हें गुप्त नवरात्रि कहा जाता है| यह गुप्त नवरात्र माघ और आषाढ़ महीने में आते है|
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष में गुप्त नवरात्र मनाई जाती है| दोस्तों ये नवरात्र भी नॉर्मल नवरात्रों की तरह नौ दिन तक मनाई जाती है| गुप्त नवरात्रों में माँ भगवती की पूजा की जाती है| गुप्त नवरात्र का महत्व चैत्र और शारदीय नवरात्री से भी ज्यादा होता है| क्योंकि गुप्त नवरात्र में माँ दुर्गा शीघ्र प्रसन्न होती है|
गुप्त नवरात्र में खासतौर से तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व रखती है| इस दौरान व्यक्ति ध्यान साधना करके दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति कर सकता है| इस समय में की गई साधना शीघ्र ही फलदायी होती है|
गुप्त नवरात्र क्यों कहते है ?
इस नवरात्र को करने में सबसे जरुरी बात यह है कि इसमें साधक को पूर्ण संयम और शुद्धता के साथ माँ भगवती की आराधना करनी चाहिए| गुप्त नवरात्रों में माँ दुर्गा की पूजा की जाती है| चूकि इस दौरान माँ की आराधना गुप्त रूप से की जाती है इसलिए इन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है|
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10 महाविद्याओं की होती है पूजा
गुप्त नवरात्रि की पूजा के नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों के साथ-साथ 10 महाविद्याओं की भी पूजा का विशेष महत्व है| ये 10 महाविद्यायें माँ काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, माँ ध्रूमावती, माँ बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी है|
माघ माह यानी जनवरी और फरवरी में पड़ने के कारण इस नवरात्र को माघ नवरात्र भी कहा जाता है| यह माघ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तिथि तक मनाई जाती है| इस साल 5 फरवरी से माघ माह के गुप्त नवरात्रि प्रारम्भ हो रहे है| इस बार के माघ गुप्त नवरात्रि 5 फरवरी 2019 दिन मंगलवार से 14 फरवरी 2019 दिन गुरुवार तक रहने वाली है|
सांसारिक लोग इस नवरात्रि को ठीक उसी तरह मनाये जिस तरह से वह चैत्र व शारदीय नवरात्रि मनाते है| गुप्त नवरात्रों के नौ दिनों में देवी के नौ स्वरूपों की पूजा करें| माँ भगवती के नौ स्वरूपों की पूजा नवरात्रों के भिन्न भिन्न दिन की जाती है| इस साल माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा के दिन इस प्रकार है –
माघ गुप्त नवरात्रि 2019 (Magh Gupt Navratri 2019)
प्रारंभ : 5 फरवरी 2019 दिन मंगलवार
समापन : 14 फरवरी 2019 दिन गुरुवार
5 फ़रवरी 2019 मंगलवार : प्रतिपदा – घट स्थापना, माँ शैलपुत्री
6 फ़रवरी 2019 बुधवार : द्वितीया – माँ ब्रह्मचारणी
7 फ़रवरी 2019 गुरुवार : द्वितीया – माँ ब्रह्मचारणी
8 फ़रवरी 2019 शुक्रवार : तृतीया – माँ चंद्रघंटा
9 फ़रवरी 2019 शनिवार : चतुर्थी – माँ कुष्मांडा
10 फ़रवरी 2019 रविवार : पंचमी – माँ स्कंदमाता
11 फ़रवरी 2019 सोमवार : षष्टी – माँ कात्यानी
12 फ़रवरी 2019 मंगलवार : सप्तमी – माँ कालरात्रि
13 फ़रवरी 2019 बुधवार : अष्टमी – माँ महागौरी, दुर्गा अष्टमी
14 फ़रवरी 2019 गुरुवार : नवमी – माँ सिद्धिदात्री व नवरात्र व्रत पारण, हवन, कन्या पूजन
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गुप्त नवरात्रि पूजन सामग्री
* माँ दुर्गा की मूर्ति या फोटो
* लाल चुनरी
* दुर्गा सप्तशती की किताब
* आम के पत्ते
* चावल
* लाल कलवा
* गंगाजल
* नारियल
* चन्दन
* रोली
* कपूर
* मिट्टी का बर्तन
* जौ (जवारे बोने के लिए)
* लौंग
* इलायची
* सुपारी
* पान का पत्ता
* बताशा
* लकड़ी की चौकी
* लाल वस्त्र
* कलश
* अखंड ज्योति
* धूप दीपक
* घी
- प्रात: काल जल्दी उठकर स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें
- समस्त पूजा सामग्री एक जगह एकत्र कर लें
- पूजा की थाली सजायें
- लकड़ी की चौकी में लाल वस्त्र बिछाकर माँ दुर्गा की मूर्ति या फोटो स्थापित करें
- मिट्टी के बर्तन में बीज बोये और नवमी तक रोज पानी का छिड़काव करें
- शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करें| इसमें पहले कलश में जल भर ले, उसके मुख में आम पत्ते लगाकर नारियल रखें, इससे पहले नारियल को लाल वस्त्र या चुनरी से लपेट कर कलावा से बांध दे, कलश को माँ दुर्गा के दाहिने हाथ की तरफ स्थापित करें|
- जो लोग अखंड ज्योति जलते है वो प्रथम दिन ही अखंड ज्योति की स्थापना करें
- माँ दुर्गा की विधिवत पूजा अर्चना करे, रोली अक्षत चढ़ाये, फल फूल और भोग लगाकर धूप दीप जलाकर पंचोपचार पूजा करें
- नौ दिनों तक माता के मंत्रो का जाप करे दुर्गा सप्तशती का पाठ करें
- अष्टमी व नवमी के दिन कन्याभोज का आयोजन करे और कन्याओं को कुछ भेट में अवश्य दें
- विधिवत हवन करके पूजा का समापन करना चाहिए
गुप्त नवरात्रों में माँ दुर्गा अपने भक्तों पर शीघ्र प्रसन्न होती है और अपने भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करती है|
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